३,००० मेगा ब्लॉक पूरे, २४ साल पहले हुई थी शुरुआत
मुंबई, मुंबई के उपनगरीय रेल मार्ग पर हर सप्ताह मेगा ब्लॉक होता है। मेगा ब्लॉक न हो तो समझो लोकल यानी लाइफलाइन का चलना मुश्किल हो जाएगा। संडे को लिए जानेवाले मेगा ब्लॉक से भले ही एक दिन मुंबईकरों को बहुत परेशानी होती है लेकिन इसे लेना भी उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी मुंबईकरों के लिए रोजाना लोकल ट्रेन का चलना है। मध्य रेलवे ने १९९७ से मेन लाइन पर मेगा ब्लॉक लेने की शुरुआत की थी। आज इसे २४ साल हो रहे हैं। आज होनेवाला ६ घंटे का मेगा ब्लॉक मध्य रेलवे का ३,०००वां मेगा ब्लॉक होगा, जो मध्य रेलवे के इतिहास में एक नई उपलब्धि का रिकॉर्ड बनाएगा।
मुंबई में लोकल ट्रेनें रात में दो घंटे के लिए रुक जाती हैं, ये भ्रम है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से देर रात १२.२५ को एक लोकल ट्रेन कर्जत के लिए निकलती है। ये सीएसएमटी छोर से अंतिम लोकल होती है लेकिन इस अंत के साथ ही कहीं और आरंभ शुरू हो जाता है। अंतिम लोकल जब रात २.४५ बजे कर्जत पहुंचती है, उससे दस मिनट पहले सीएसएमटी के लिए कर्जत से पहली लोकल रवाना हो जाती है। २.३५ को कर्जत से रवाना होनेवाली सेवा मध्य रेलवे की पहली लोकल ट्रेन होती है।
जिस सिस्टम में कभी ट्रेनें रुकती ही नहीं हैं, वहां काम के लिए बेहद सटीक योजना बनानी पड़ती है। ब्लॉक वाली जगह पर करीब २०० रेलकर्मियों की टीम पहुंचती है। कर्मचारियों की संख्या काम के आकार पर भी निर्भर करती है। ब्लॉक के लिए मजदूर रात में ही स्पॉट पर आ जाते हैं। रात में जब कुछ देर के लिए ट्रेनें बंद रहती हैं, तब छोटा-मोटा काम निपटा लिया जाता है।