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मुंबई, कहते हैं कर्ज कभी भी सोच-समझकर देना चाहिए और कर्ज देने के बाद कुछ हद तक दिए हुए पैसों को भूलने की मानसिक तैयारी भी रखनी चाहिए क्योंकि प्राय: दिए गए कर्ज के पैसों के लेन-देन के कारण लोगों के संबंध खराब हो जाते हैं। कई बार इसी लेन-देन के कारण लोग मरने-मारने को तैयार हो जाते हैं यानी या तो जान गंवाते हैं या फिर कर्जदार की जान लेकर कानून का गुनहगार बन जाते हैं। हरियाणा के रोहतक जिले में ५ साल पहले ऐसे ही दिए गए कर्ज के कारण एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
रोहतक जिले के रिठाल गांव के जगदीश हत्याकांड में एएसजे राकेश सिंह की कोर्ट ने दो महिलाओं सहित चार आरोपियों को उम्रवैâद व साढ़े ४ लाख रुपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत ३१ अक्टूबर से पहले केस का निपटारा करते हुए अदालत ने शुक्रवार को दोषी महिला रिठाल गांव निवासी संतोष व हिसार के नायकहेड़ी निवासी सपना पर तीन लाख रुपए जुर्माना लगाया। जींद के दो युवकों पर एक लाख ६० हजार रुपए जुर्माना किया गया है। जुर्माने की राशि में से ३ लाख ८० हजार रुपए पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे।
रिठाल गांव निवासी राजेंद्र ने जुलाई २०१६ में सदर थाने में शिकायत दी थी कि उसका ३० वर्षीय छोटा भाई जगदीश, लाढ़ौत रोड स्थित रोड़ी-व्रैâशर के प्लांट पर ट्रैक्टर चलाता था। वह घर से प्लांट पर गया, लेकिन वापस नहीं लौटा। सदर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया था। पूछताछ में प्लांट के चौकीदार से पता चला कि जगदीश, प्लांट से संतोष नाम की महिला के घर गया था। पुलिस मामले की जांच के दौरान जगदीश का शव नहर में गली-सड़ी हालत में मिल गया। मृतक की शिनाख्त उसके कपड़ों से हुई थी। पुलिस ने संतोष को हिरासत में लिया तो पूछताछ में जींद निवासी सपना सहित दो और लोगों का नाम सामने आया। पुलिस ने चारों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में संतोष ने अनायास ही मुसीबत मोल ले ली थी। हुआ ऐसा था कि संतोष हिसार के नायकहेड़ी गांव निवासी सपना को बेटी मानती थी। सपना ने रिठाल निवासी जगदीश से कुछ पैसे उधार लिए थे और जगदीश अपने पैसे वापस मांग रहा था। इसलिए ३ जुलाई को सपना, संतोष के पास पैसे की मदद मांगने आई थी, ताकि वह जगदीश के कर्ज से छुटकारा पा सके। संतोष के पास पैसे तो नहीं थे लेकिन वह सपना की मदद भी करना चाहता था। इसका रास्ता निकालने के लिए उसने जगदीश की हत्या की योजना बना डाली। साजिश के तहत सपना ने जगदीश को संतोष के घर बुला लिया। वहां से वो सभी जगदीश को गाड़ी में बैठाकर जींद ले गए। वहां पर चाय में नशीला पदार्थ पिलाकर उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद हत्या करने के इरादे से नरवाना व उचाना क्षेत्र में उचित स्थान की तलाश में वो अचेत जगदीश के साथ गाड़ी घुमाते रहे, लेकिन मौका नहीं मिल सका। इस कारण वो वापस रोहतक आ गए। इसके बाद कपड़े से जगदीश का गला घोंट दिया। साथ ही शव को बाइक सहित नहर में फेंक दिया। पुलिस को जगदीश का मोबाइल उचाना के पास मिला था। उसके बाद मृतक व आरोपियों के मोबाइल की लोकेशन खंगाली तो उसी इलाके में मिली। प्लांट के चौकीदार ने पहले ही जगदीश ने संतोष के घर जाने की जानकारी पुलिस को दी थी। बाद में आरोपियों की निशानदेही पर ही मृतक की बाइक व गला घोंटने के लिए प्रयोग की गई चुन्नी व तकिया भी पुलिस ने बरामद कर लिया था।


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