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पुणे : एक वित्तीय संस्थान से लिया हुआ कर्ज चुकाने के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की पत्नी नीलम और पुत्र नीतेश के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस वापस ले लिया गया है। कर्ज नहीं चुकाने के चलते इन दोनों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था। पुणे के पुलिस उपायुक्त (अपराध) श्रीनिवास घडगे ने बताया कि डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड) ने पत्र लिखकर सूचित किया कि राणे परिवार ने बाकी बचे कर्ज का भुगतान कर दिया है। इसके बाद लुकआउट नोटिस वापस ले लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि नीलम राणे के स्वामित्व वाली एक फर्म आर्टलाइन प्रापर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने डीएचएफएल से 25 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। अपने सहयोगी के साथ मिलकर उन्होंने यह कर्ज लिया था। इसमें बकाया राशि 27.13 करोड़ रुपये थी। नीतेश राणे के स्वामित्व वाली नीलम होटल्स ने भी ऋण लिया था। उनके मामले में बकाया राशि 34 करोड़ रुपये थी। पिछले महीने दोनों के बैंक खातों को फंसा कर्ज (एनपीए) घोषित किए जाने के बाद उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था।
गौरतलब है कि ऋण एनपीए होने के बाद वित्तीय संस्था द्वारा केंद्र सरकार से शिकायत की गई। केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा यह लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल का कहना है कि लुकआउट नोटिस का दायरा सीमित होता है। इस मामले में गिरफ्तारी का सवाल नहीं उठता। जिस किसी के विरुद्ध यह नोटिस जारी होता है, वह देश छोड़कर नहीं जा सकता है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे भी पिछले दिनों अपनी गिरफ्तारी के कारण चर्चा में रहे हैं। अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पण मारने का बयान देने के कारण उन्हें रत्नागिरी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उसी रात उन्हें महाड कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इस मामले को लेकर तब खूब राजनीति भी हुई थी। यह मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में रहा था।

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