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नयी दिल्ली : आयकर विभाग ने महाराष्ट्र में सरकारी पदों पर बैठे कुछ लोगों और बिचौलियों पर छापे मारकर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। ये अधिकारी और बिचौलिये कथित तौर पर सरकारी फाइलों को आगे बढ़ाने तथा नौकरशाहों को मनपसंद जगह पदस्थापना दिलाने के लिए रिश्वत लेकर काम करते थे। सीबीडीटी ने बताया कि 23 सितंबर को महाराष्ट्र के कुछ कारोबारियों, बिचौलियों और सरकारी पदों पर बैठे कुछ लोगों के बड़े सिंडीकेट पर छापे मारकर 4.6 करोड़ रुपये नकद और 3.42 करोड़ रुपये के जेवरात जब्त किये गये।
तलाशी में 25 आवासीय और 15 कार्यालय परिसरों पर कार्रवाई की गयी, वहीं चार दफ्तरों में सर्वे की कार्रवाई की गयी। छह महीने से अधिक समय तक इसके लिए खुफिया जानकारी जुटाई गयी। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘‘मुंबई के ओबेराय होटल में कुछ सुइट दो बिचौलियों ने स्थायी रूप से किराये पर ले रखे थे और इनका इस्तेमाल ग्राहकों से मुलाकातों के लिए किया जाता था। यहां भी तलाशी ली गयी।’’
बयान में बताया गया, ‘‘कारोबारियों/बिचौलियों/सहयोगियों और सरकारी पदों पर बैठे लोगों के सिंडीकेट ने अपने रिकॉर्ड में अनेक कोड नाम का इस्तेमाल किया और एक मामले में तो 10 साल पुरानी तारीख के रिकॉर्ड रखे गये।’’ सीबीडीटी ने दावा किया कि इस तलाशी के दौरान 1050 करोड़ रुपये के कुल लेनदेन का पता चला। सीबीडीटी कर विभाग के लिए नीति निर्धारित करता है। उसने आरोप लगाया कि नकदी के हस्तांतरण के लिए अंगड़ियों का इस्तेमाल भी किया जाता था और ऐसे एक व्यक्ति से डेढ़ करोड़ रुपये जब्त किये गये।


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