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मुंबई, पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के देश छोड़ने जाने की खबर को लेकर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आया हुआ है। इस बीच अनिल देशमुख के मामले में सीबीआई ने महाराष्ट्र के दो बड़े अधिकारियों को समन भेजकर हलचल और बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे और राज्य के डीजीपी संजय पांडे को तलब किया है। यह पहली बार जब किसी राज्य के वरिष्ठतम पुलिस अधिकारी और नौकरशाह को एक जांच एजेंसी द्वारा बुलाया गया है। हालांकि सीबीआई के समन का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है, लेकिन अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों को जांच से संबंधित कुछ सवालों के जवाब देने के लिए कहा गया है।
इससे पहले एक दिन पहले महाराष्ट्र गृह विभाग के उप सचिव कैलाश गायकवाड़ ने प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। यह ईडी द्वारा देशमुख के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत 11 मई को दायर ईसीआईआर से संबंधित है। ईडी इस मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री के निजी सचिव संजीव पलांडे और उनके निजी सहायक कुंदन शिंदे को 26 मई को गिरफ्तार कर चुकी है, जिन्हें बाद में हिरासत में भेज दिया गया। अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी पलांडे को निलंबित भी किया जा चुका है।
उधर, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के गंभीर आरोपों के बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर हैं। अनिल देशमुख के लिए मुसीबत 20 फरवरी को शुरू हुई, जब परमबीर सिंह ने उन पर 'जबरन वसूली' का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया कि एनसीपी नेता ने बर्खास्त सिपाही सचिन वाजे को मुंबई में 1750 बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कहा था। सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद देशमुख ने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था।

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