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मुंबई, एसी लोकल को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार हलचल तेज हो रही है। आखिर मुंबई की एसी लोकल में किस तरह से यात्री आएं, इसे लेकर जद्दोजहद चल रही हैं। मौजूदा परिस्थितियों में जितनी सेवाएं चल रही हैं उनमें यात्रियों का उत्साह कम दिखाई दे रहा है लेकिन भविष्य में एसी लोकल का ही वर्चस्व होगा। इस सुरक्षित और आरामदायक सेवा के लिए पश्चिम रेलवे में ठीकठाक प्रतिसाद दिख रहा है लेकिन मध्य रेलवे पर स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
भीड़ के कारण मुंबई में यात्री ट्रेनों से गिरकर मरते हैं। इन दुर्घटनाओं को टालने के लिए रेलवे ने बंद दरवाजों की एसी लोकल का प्लान बनाया था। योजना के अनुरूप मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एमयूटीपी) में ४७ रैक खरीदने की भी मंजूरी मिल गई। इसके अलावा १९१ एसी लोकल मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट ३ए के तहत लाई जाएंगी। इन २३८ एसी लोकल ट्रेनों को २०२४ तक उपनगरीय नेटवर्क में शामिल करने की योजना है।
रेलवे के अधिकारियों की मानें तो वर्तमान में सेमी एसी लोकल पर अधिक जोर दिया जा रहा है लेकिन भविष्य में एसी लोकल का ही बोलबाला रहेगा क्योंकि धीरे-धीरे लोकल ट्रेन के सामान्य डिब्बे हट जाएंगे और उसकी जगह पर १२ या १५ डिब्बों की एसी लोकल चलेगी और ये लोकल मुंबई के क्लाइमेट को सूट भी करेगी।
पश्चिम रेलवे पर ११ अगस्त से २८ सितंबर तक करीब ४२०० सर्टिफाइड यात्रियों ने एसी लोकल के लिए सीजन टिकट खरीदे। इस दौरान मध्य रेलवे पर बमुश्किल ५०० सीजन टिकट की बिक्री हुई। भायंदर से चर्चगेट के बीच एसी लोकल की सेवा लेने वाले बिशनसिंह क्रांति ने बताया कि उन्होंने सीजन टिकट तो लिए हैं लेकिन वापसी में हर बार उन्हें सामान्य लोकल में यात्रा करनी पड़ती हैं क्योंकि सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं।


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