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मुंबई, दक्षिण मुंबई गिरगांव परिसर में १२५ वर्ष पुरानी ८२ जर्जर इमारतों के २,०५२ निवासियों की जान खतरे में है। इन जर्जर इमारतों का स्वामित्व एलआईसी के पास होने के नाते पुनर्विकास में भारी मुश्किलें आ रही हैं। कई बार म्हाडा रिपेयर बोर्ड इन इमारतों की मरम्मत करवा चुका है। इन इमारतों के पुनर्विकास को लेकर रिपेयर बोर्ड सभापति विनोद घोसालकर, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने एलआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और तत्काल पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव देने के लिए कहा। दक्षिण मुंबई के आंग्रावडी चाल, नवीन बदामवादी, देवकरण नानजी की इन इमारतों में एक हजार ६८ घर सहित ९८४ कमर्शियल गाले के साथ २०५२ लोगों का समावेश है। सभी निवासी दहशत में जीने को मजबूर हैं। सभी इमारतें १९४० के पूर्व बनी हैं। विनोद घोसालकर ने कहा कि सारी इमारतों का पुनर्विकास ३३/७ व ३३/९ के अंतर्गत कर सकते हैं। कल हुई बैठक में सांसद अरविंद सावंत, एलआईसी के चेयरमैन श्रीकुमार, संचालक एस मोहंती, म्हाडा के वित्त नियंत्रक विकास देसाई, अभियंता रूपेश राऊत उपस्थित थे।


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