गेरुआ-चूना लेप का प्रशिक्षण, हुआ मनपा का यूरोप में बजा डंका!
मुंबई, महानगर में वृक्षों की देखरेख और उसके संरक्षण व संवर्धन
के तौर-तरीकों को लेकर मुंबई मनपा का विश्वभर में डंका बजने लगा है। पहले
मलेशिया सहित यूरोपीय देश इस पद्धति के कायल थे। अब यूके ब्रिटेन भी मुंबई
मनपा द्वारा वृक्षों की रक्षा और उसके पालन-पोषण के तौर-तरीकों को लेकर
कायल हो गया है। इंग्लैंड की सबसे चर्चित मैगजीन एआरबी ने मुंबई मनपा की इस
पद्धति पर एक लेख प्रकाशित किया है, जिसमें वृक्षों को कीटाणुओं से बचाने
के लिए उनकी जड़ों में लगाए जानेवाले गेरू -चूने के विशेष लेप की जम कर
सराहना की गई है। इस लेख के बाद मुंबई मनपा के इस विशेष लेप और उसे पेड़ों
में लगाने की पद्धति को लेकर विश्व में चर्चा होने लगी है।
प्राप्त
जानकारी के अनुसार इस लेख में मुंबई मनपा के उद्यान विभाग के प्रमुख
जितेंद्र परदेसी ने अपनी इस विशेष पद्धति का विवरण दिया है। परदेशी से ही
पहले मलेशिया के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर गेरुआ चूना लेप पद्धति की पूरी
जानकारी ली थी। अब उसे वे अपने देश में लागू कर रहे हैं। अब ब्रिटेन की
मैगजीन में भी इसके बनाने की पद्धति और विशेषताओं को प्रकाशित किया गया है।
शुक्रवार को महापौर किशोरी पेडणेकर ने जितेंद्र परदेशी का स्वागत किया और
कहा कि मुंबई में हरियाली कायम रखने और वृक्षों की लाइफ बढ़ाने के लिए आपके
योगदान की जितनी सराहना की जाए, उतना कम है।
बता दें कि हिंदुस्थान में
सदियों से दीवारों और वृक्षों को कीटाणुओं से सुरक्षित रखने के लिए
गेरू-चूने का लेप बनाकर लगाया जाता रहा है। जितेंद्र परदेशी ने कहा कि
वृक्षों को बचाने के लिए हम अपने पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल करते हैं। हम
पेड़ों की जड़ों में गेरू और चूने का लेप लगाते हैं ताकि उन्हें कोई रोग न
लगे।
वृक्षों को दीमक से बचाने के लिए प्रति वर्ष मुंबई मनपा द्वारा
गेरू का लेप लगाया जाता है। गेरू के लेप से दीमक वृक्षों को हानि नहीं
पहुंचा पाते। मुंबई मनपा प्रतिवर्ष वृक्षों की सुरक्षा के लिए गेरू का लेपन
करती आ रही है। अब मलेशिया ने मुंबई मनपा की वृक्षों की रक्षा करने की इस
स्टाइल को कॉपी करना शुरू कर दिया है।
मुंबई में सड़कों के किनारे लगे
ज्यादातर पेड़ों को कीड़ों से बचाने के लिए गेरू से लगाया जाता है। मुंबई में
सड़कों के किनारे करीब १ लाख ८० हजार पेड़ हैं। कीड़ों (दीमक) से बचाव के लिए
इनमें से डेढ़ लाख पेड़ों पर गेरू का लेपन लागाया जा चुका है।