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मुंबई, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि मराठा आरक्षण बहाल करने के लिए केंद्र को आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने ‘लाइव वेबकास्ट’ में राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की छूट के बिना राज्यों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की अपनी सूची तैयार करने और आरक्षण प्रदान करने में मदद नहीं मिलेगी.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब मैं दिल्ली में जून महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला तो मैंने उनसे कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण रद्द कर दिया है और फैसला सुनाया है कि राज्यों को आरक्षण प्रदान करने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार को 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा में ढील के लिए पहल करनी चाहिए. अब केंद्र ने राज्यों को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार दे दिया है तो उसे आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील देनी चाहिए. साथ ही ठाकरे ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री ऐसा करेंगे.
‘आरक्षण की 50 फीसदी की अधिकतम सीमा में छूट मिलने पर ही मराठा कोटा होगा बहाल’
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि जब तक आरक्षण पर 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा में छूट नहीं दी जाती है, तब तक राज्यों को अपनी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची तैयार करने की अनुमति देने वाले संविधान संशोधन से मदद नहीं मिलेगी और मराठा आरक्षण बहाल नहीं किया जा सकता.
संजय राउत ने शिवसेना अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर और संसद में इस बारे में हुए घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री अशोक चव्हाण सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को मराठा आरक्षण के मुद्दे की स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए एक डिजिटल बैठक करेंगे. साथ ही कहा कि जब संसद में संविधान संशोधन का मुद्दा आएगा, तब उस पर चर्चा कराने की मांग की जाएगी.


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