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मुंबई, प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र राज्य को ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़ी 65.75 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और उनके मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनसे जुड़ी एक चीनी मिल को अटैच किया है। ईडी की ओर से जब्त की गई संपत्ति में कोरेगांव के चिमनगांव स्थित चीनी मिल की जमीन, इमारत, प्लांट और मशीन शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने अपने एक बयान में कहा कि जब्त संपत्तियों का मालिकाना हक मेसर्स गुरु कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के पास है और इसे मेसर्स जरंडेश्वर सहकारी शुगर कारखाना को लीज पर दिया गया। ईडी की माने तो, जरंडेश्वर सहकारी शुगर कारखाने की ज्यादात हिस्सेदारी मेसर्स स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड के पास है और ये कंपनी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा से जुड़ी हुई है।
इस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि एजेंसी के पास जांच का अधिकार है, इससे पहले सीआईडी और एसीबी ने जांच की थी, लेकिन कुछ बाहर नहीं आया था। चारों तरफ से जांच चल रही है लेकिन कुछ बाहर नहीं आया है। उन्होंने आगे कहा कि जहां भी जरूरत होगी, मैं अपील जरूर करूंगा क्योंकि इस फैक्टरी पर कई मजदूरों की जीविका इस पर आधारित है।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अजित पवार को लेकर ईडी के रुख पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ईडी और सीबीआई की विवादित जांच के बारे में सभी जानते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को लगता है कि इससे महाराष्ट्र सरकार टूट जाएगी, तो वो गलत हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर राज्य में सेना को भी तैनात कर दिया जाएगा, तब भी महाराष्ट्र सरकार नहीं टूटेगी और अपने पांच साल पूरे करेगी।
ऐसा आरोप है कि जरंडेश्वर सहकारी शुगर कारखाना पर मालिकाना अधिकार पाने के लिए अजित पवार और उनकी पत्नी ने मेसर्स गुरु कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्जी कंपनी बनाई। इसके अलावा जरंडेश्वर सहकारी शुगर कारखाना के जरिए सहकारी शक्कर कारखाने के नाम पर पुणे जिला केंद्रीय को ऑपरेटिव बैंक से 700 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया।

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