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मुंबई : एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में एक बार फिर कोरोना घुटने टेक रहा है। पहली लहर में धारावी में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला था लेकिन रणनीति बनाकर मनपा ने कोरोना को भगाया था, जिसके बाद धारावी मॉडल विश्वस्तर पर चर्चा में आया। अब दूसरी लहर में भी कोरोना धारावी में मनपा की सफल रणनीति के आगे दम तोड़ने लगा है। आए दिन कोरोना के केस कम होते जा रहे हैं। मार्च महीने में दूसरी लहर के पीक में धारावी में लगभग ८० मरीज तक मिलने लगे थे लेकिन अब यह आंकड़ा १५ मरीजों तक सिमट गया है। शनिवार को धारावी में १५ मरीज मिले और मौत एक भी नहीं हुई। धारावी में अब तक कुल ६,६१० मरीज कोरोना पॉजिटिव मिले हैं और ५,४४८ मरीज ठीक हुए हैं। अब भी लगभग ५०० मरीज सक्रिय हैं।

कोरोना की दूसरी लहर ने धारावी में मार्च के पहले सप्ताह से ही कहर ढाने की शुरुआत की। कभी ३ तो कभी ५ मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। धारावी में पुन: कोरोना का प्रसार होने लगा। मार्च के तीसरे सप्ताह तक लगभग ५० मरीज मिलने लगे। ३ अप्रैल को ७८ मरीज मिले। प्रशासन चुस्त हुआ और मनपा के वॉर्ड अधिकारी सहायक आयुक्त किरण दीघावकर ने घर-घर टेस्टिंग, लोगों में जनजागृति और मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जोर दिया। इतना ही नहीं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों में कोरोना की वैक्सीन के लिए जनजागृति की, जिसके बाद से कोरोना के मामले घटने शुरू हुए। फिलहाल पिछले ३ दिनों से मामले १५ के आस-पास ही मिल रहे हैं।

कोरोना मामले में सुधार आने के साथ ही धारावीवासियों ने भी राहत की सांस ली है। धारावी में कोरोना को रोकने में प्रशासन की भूमिका को धारावीवासियों ने भी पूरा सहयोग दिया है। राज्य सरकार ने जो भी आदेश जारी किया, यहां के लोगों ने उसका पालन किया। इस बारे में ‘धारावी बचाओ आंदोलन समिति’ के अध्यक्ष रमाकांत गुप्ता ने कहा कि धारावी के लोग झोपड़पट्टी में जरूर रहते हैं लेकिन समझदार हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रशासन के साथ हर तरह से खड़े रहे हैं।

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