महामारी में कालाबाजारी की मार
मुंबई, देशभर में कोविड-१९ के संक्रमितों की बढ़ती संख्या से लोग घबराए हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार मुंबई सहित पूरे प्रदेश में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट के साथ-साथ जन जागरूकता के जरिए लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना से बचाने की हरसंभव कोशिश में जुटी है। इसी बीच कुछ लालची लोग कोरोना काल में जीवन रक्षक मानी जानेवाली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करके मोटी कमाई करने की योजना बना रहे हैं। ऐसा ही अमानवीय कार्य करनेवाले दो समाज द्रोहियों को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की यूनिट- १० ने गिरफ्तार किया है।
बता दें कि यूनिट- १० के एपीआई वाहिद पठान को रेमडेसिवीर की अवैध बिक्री के सिलसिले में कुछ लोगों के आने की सूचना मिली थी। उक्त सूचना के बाद डीसीपी अकबर पठान के मार्गदर्शन व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किरण लोंढे के नेतृत्व में एपीआई पठान, धनराज चौधरी, गणेश तोडकर, अफरोज शेख आदि की टीम ने अंधेरी-पूर्व के नागरदास रोड स्थित होटल पिंक प्लाजा के पास जाल बिछाया और वहां से एक ३८ वर्षीय संदिग्ध को १०० एमजी के १२ रेमडेसिवीर इंजेक्शन के साथ हिरासत में लिया। उसके पास इंजेक्शन खरीदने से संबंधित कोई बिल या अन्य दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ में पता चला कि ५७,६०० रुपए के उक्त इंजेक्शन जोगेश्वरी-पश्चिम स्थित एक फार्मा कंपनी के मालिक ने ८ हजार रुपए प्रति इंजेक्शन के भाव से अवैध बिक्री के लिए भेजा था। यूनिट-१० की टीम ने जब फार्मा कंपनी के गोदाम पर छापेमारी की तो वहां से १३,०५,६०० रुपए के २७२ रेमडेसिवीर इंजेक्शन और बरामद हुए। इसके बाद यूनिट-१० की टीम ने फार्मा कंपनी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया है।