लोकल ट्रेनों में 35 लाख लोग, कहां जा रहे हैं! बंद दरवाजों में चल रहे हैं प्राइवेट दफ्तर!
मुंबई, पिछले दो दिनों से राज्यभर में मिनी लॉकडाउन शुरू हो गया है। सरकार के निर्देशानुसार धार्मिक स्थल बंद हैं, गैर जरूरी सामानों को दुकानें बंद हैं, छोटे मोटे कारखाने बंद हैं, निजी दफ्तर पूरी तरह से बंद हैं, होटल बंद हैं। इतने कड़े प्रतिबंध के बावजूद मुंबई की लोकल ट्रेनों में भीड़ की कमी नहीं हुई है। इन नियमों से पहले 36-37 लाख लोग रोजाना चल रहे थे, मंगलवार के दिन 35 लाख लोगों ने यात्रा की है। मध्य रेलवे पर 20 लाख और पश्चिम रेलवे पर करीब 15 लाख लोगों ने यात्रा की। अब सवाल ये है कि जब सबकुछ बंद है, तो इतने लोग कहां जा रहे हैं?
दक्षिण मुंबई में कई निजी दफ्तर सरकारी आदेश के बावजूद शुरू है। इन दफ्तरों में काम करने वाले लोगों ने गोपनीयता की शर्त पर हमसे संपर्क किया और बताया किस तरह से स्टाफ को बुलाकर दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। दरवाजे पर लगे कैमरा से तस्वीर देखने के बाद लोगों को एंट्री दी जा रही है। ओपेरा हाउस स्थित कुछ इमारतों से लोगों ने संपर्क किया। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सरकारी आदेश के बाद जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं, लेकिन ये भी सच है कि काम नहीं करेंगे, तो सैलरी नहीं मिलेगी।
रेलवे के अनुसार जब तक राज्य सरकार की ओर से ये नहीं बताया जाता कि किसे टिकट देना है और किसे नहीं! तब तक ट्रेनों में भीड़ पर नियंत्रण लगाना मुश्किल है। दूसरी बात कई लोगों ने लंबे समय के लिए सीजन टिकट निकाले हैं, तो वे लोग यात्रा कर रहे हैं। पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने राज्य में नाइट कर्फ्यू का जो समय निर्धारित किया है, उसका प्रभाव दिखाई दे रहा है। अब ट्रेनों में रात 9 बजे के बजाय 8 बजे से ही भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है।
12 डिब्बों की एक लोकल में 1200 यात्री आराम से यात्रा करते हैं। नई गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी यात्री खड़े होकर यात्रा नहीं करेगा, लेकिन लोकल ट्रेनों में स्थिति अलग है। यहां अब सुबह की बजाय दोपहर 1 बजे तक भीड़ दिखाई दे रही है, जबकि रात 9 बजे के बाद सबकुछ रामभरोसे चल रहा है। अनलॉक के समय इन ट्रेनों में सरकार ने 700 यात्री तक संख्या सीमित रखने को कहा। रेलवे के ताजा आंकड़ों के अनुसार मुंबई में अब रोजाना करीब 35 लाख यात्री चल रहे हैं। इसका मतलब है हर सर्विस में शत प्रतिशत या उससे ज्यादा यात्री चल रहे हैं। सामान्य अवस्था में पीक ऑवर्स में 1200 यात्री क्षमता वाली ट्रेन में साढ़े चार हजार यात्री भी सफर करते हैं।