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मुंबई : सरकार की पूर्व तय गाइडलाइन के अनुसार स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) के कारण १,२०० यात्री प्रति ट्रेन की क्षमतावाली लोकल में केवल ७०० यात्रियों को अनुमति दी गई थी। रेलवे के ताजा आंकड़ों के अनुसार मुंबई में अब रोजाना करीब ३८ लाख यात्री सफर करने लगे हैं। इसका मतलब है प्रति सर्विस औसतन १,२७२ यात्री चल रहे हैं। ये औसत सेट गाइडलाइन से ज्यादा है। रेलवे के अधिकारियों का तर्क है कि गाइडलाइन में बदलाव बेस्ट और एमएसआरटीसी की बसों में भी हुआ है, वे भी शत-प्रतिशत क्षमता से चल रही हैं। यदि सरकार की पूर्व सेट गाइडलाइन को मानें तो लोकल ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग खत्म हो गई है। बता दें कि यात्रियों की मौजूदा संख्या के हिसाब से मुंबई में पूरी ३,१४१ लोकल ट्रेनें चला भी दी जाएं तो भी प्रति सर्विस करीब १,२०९ यात्री सफर करेंगे, जो कि एक लोकल की शत-प्रतिशत क्षमता के बराबर है। हालांकि सामान्य अवस्था में व्यस्ततम समय में १,२०० यात्री क्षमतावाली ट्रेन में साढ़े चार हजार यात्री भी सफर करते हैं।

सामान्य लोगों के लिए लोकल शुरू किए हुए दो महीने हो गए। इन दिनों में २०-२२ लाख यात्री बढ़ चुके हैं। पश्चिम रेलवे पर करीब १६ से १७ लाख यात्री तो मध्य रेलवे पर करीब १९ से २० लाख यात्री रोजाना सफर कर रहे हैं। इसी बीच प्रशासन की चिंता बढ़ने लगी है क्योंकि संक्रमित होनेवाले लोगों के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। इसे देखते हुए अब स्टेशनों पर संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती से गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। मुंबई में फिलहाल रोजाना २,९८६ लोकल ट्रेनें चल रही हैं जबकि सामान्य स्थिति में ३,१४१ सेवाएं चलती हैं। पश्चिम रेलवे रोजाना १,३०० सर्विस चला रही है। मध्य रेलवे पर फिलहाल १,६८६ सेवाएं चल रही हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हो सकता है जल्द ही शेष सर्विस भी चला दी जाएं।


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