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मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ट्रांसफर रैकेट के आरोपों से घिरी है। इस बीच मंगलवार रात को इसमें एक नया विवाद पैदा हो गया। मुंबई पुलिस इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ होगा कि मुंबई क्राइम ब्रांच को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है। नए पुलिस कमिश्नर ने एक दिन में 80 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर किए हैं। इनमें 65 क्राइम ब्रांच के हैं। लगभग सभी क्राइम ब्रांच यूनिट्स के सीनियर इंस्पेक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया है।

जिन अजय सावंत ने डॉन रवि पुजारी को गिरफ्तार किया था, जिन सचिन कदम ने डॉन एजाज लकड़ावाला को पकड़ा था, जिन नंद कुमार गोपाले ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस सॉल्व किया था, उन सबको लोकल पुलिस स्टेशन या साइड पोस्टिंग पर भेज दिया गया है। ट्रांसफर किए गए अधिकारियों में कई टेटर केस सॉल्व कर चुके निनाद सावंज और यूनिट वन के सीनियर इंस्पेक्टर चिमाजी अढ़ाव का नाम प्रमुख है।

सचिन वझे से पहले जो विनय घोरपडे सीआईयू के प्रभारी थे और फिलहाल एमआईडीसी क्राइम ब्रांच में थे, उनका भी पुलिस स्टेशन में तबादला कर दिया गया है। सचिन वझे प्रकरण से क्राइम ब्रांच बहुत बदनाम हुई थी। वझे क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) के प्रभारी थे लेकिन जिन अधिकारियों का मंगलवार को ट्रांसफर किया गया, उन्हें मुंबई पुलिस के बेहतरीन डिटेक्शन अधिकारियों में गिना जाता है। इन तबादलों से निश्चित तौर पर एक नया विवाद शुरू होगा।


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