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मुंबई : सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या के बाद लगातार लगाए जा रहे कयासों और आरोपों से सनसनी फैल गई है। सांसद आत्महत्या कांड में कांग्रेस ने भाजपा पर संगीन आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने इस मामले की गहन जांच कराने की मांग की है। लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर किससे डर कर डेलकर बेबस हुए और अपने आपको हारा हुआ समझकर मौत को गले लगा लिया। बता दें कि कांग्रेस ने इस आत्महत्या की गहन जांच की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या के पीछे भाजपा नेताओं का हाथ होने का आरोप लगाया है। सावंत ने ऐसा दावा करते हुए कहा कि डेलकर ने अपने कई पन्नों के सुसाइड नोट में भाजपा के पूर्व विधायक प्रफुल्ल पटेल का नाम लिखा था। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से मिलकर गहन जांच की मांग की। सावंत के अनुसार जिन पर देश के कानून बनाने की जिम्मेदारी है, जो सात बार से सांसद थे। वह सांसद मोहन डेलकर इतने असहाय और विवश हो गए कि उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का फैसला कर लिया।

सांसद मोहन डेलकर पर दबाव बनाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था, ऐसा आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने बताया कि सांसद डेलकर ने झूठे मामलों में फंसाने, उन्हें और उनके समर्थकों को परेशान करने के साथ ही नौकरशाही, पुलिस, जांचकर्ताओं और स्थानीय गुंडों द्वारा परेशान किए जाने के बारे में एक वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी शिकायतें व्यक्त की थीं। इस बारे में संबंधित जांच एजेंसियां से उन्होंने पूछा कि वह मुझे क्यों परेशान कर रहे हैं तो एजेंसी वालों ने जवाब दिया था कि यह ‘ऊपर’ से आदेश था। डेलकर ने कहा था कि यह प्रकरण अंग्रेजी काल में उत्पीड़न से भी बदतर था। उसी समय, वह लोकसभा में इस्तीफा देने वाले थे। उन्होंने कुछ दिनों पहले संसद के पिछले सत्र में अपने भाषण में इस संबंध में अपनी शिकायतें व्यक्त की थीं। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें कैसे झूठे मामलों में शामिल करके बदनाम और अपमानित किया जाता है। उन्होंने मुंबई में आत्महत्या करने से पहले एक कई पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, भाजपा नेता और गुजरात के पूर्व गृह मंत्री प्रफुल्ल पटेल के नाम का उल्लेख किया है। ऐसा राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी स्पष्ट किया है। इस मामले भाजपा के वरिष्ठ नेता का हाथ होने का आरोप लगाते हुए सावंत ने गहन जांच की मांग की। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सावंत की मांग को स्वीकार कर लिया है। देश भर के विभिन्न राज्यों में विपक्षी नेताओं, विधायकों, सांसदों और सरकारों को परेशान किया जा रहा है। केंद्र में भाजपा सरकार द्वारा महाराष्ट्र में विधायकों और सांसदों पर इसी तरह का उत्पीड़न किया जा रहा है। ऐसा आरोप सावंत ने लगाया।

बता दें कि पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रविवार की रात मोहन डेलकर ने दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित सी-ग्रीन होटल में चेक-इन किया। उनके ड्राइवर ने दूसरे दिन सुबह ११.३० बजे उनके होटल के कमरे का दरवाजा खटखटाया। लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। ड्राइवर ने घबरा कर होटल के स्टाफ को बुलाया। होटल स्टाफ ने मास्टर चाबी से दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वो ऐसा करने में कामयाब नहीं हो सका क्योंकि दरवाजा अंदर से डबल लॉक किया हुआ था। इसके बाद सांसद का ड्राइवर होटल के अपने कमरे में गया। ड्राइवर के साथ सांसद का बॉडीगार्ड और होटल के स्टाफ भी थे। ड्राइवर ने अपने कमरे की बालकनी से सांसद के कमरे की बालकनी पर छलांग लगाई। इन दोनों बालकनियों के बीच ५ फीट की दूरी है। सांसद के कमरे की बालकनी से ड्राइवर खिड़की के रास्ते कमरे के अंदर दाखिल हुआ तो कमरे में मोहन डेलकर पंखे से लटके हुए पाए गए। ड्राइवर ने तुरंत कमरे का दरवाजा खोला और सांसद के बॉडीगार्ड और होटल स्टाफ को अंदर बुलाया। होटल स्टाफ ने मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने सोमवार को होटल के उस कमरे की ४ घंटे तक तलाशी ली जहां से सांसद मोहन डेलकर का शव मिला। शुरुआती जांच में पुलिस इसे सुसाइड मान रही थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाएगी।

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