पाकिस्तान : ISI के पूर्व प्रमुख बोले- ये कैसी सरकार है जो हमेशा अपने यूटर्न को सही ठहराने में लगी रहती है, इमरान खान सरकार की असलियत आई सामने
पाकिस्तान : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) असद दुर्रानी ने भारत को पाकिस्तान का पहला खतरा नहीं बताया है, उनका मानना है कि भारत से पाकिस्तान के लिए खतरे के रूप में हमेशा पहले नंबर पर नहीं रहा है। दुर्रानी ने कहा कि हमें इंडिया से कोई खतरा नहीं है, अभी हमें शांत बैठना चाहिए। अगर वो बालाकोट जैसा कुछ करते हैं तो उसकी तैयारी कर लेनी चाहिए।
दिए अपने एक इंटरव्यू ने कहा, भारत अपनी ही चीजों में ऐसा हुआ है कि उसे पाकिस्तान की चिंता नहीं है।" दूसरे बाहरी खतरों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ईरान, सउदी अरब और तुर्की हमारे लिए नई चुनौती हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरत के लिए असद दुर्रानी कहते हैं। "यह बात पक्की है अंदरा का मामला हमेशा ज्यादा खतरनाक होता है, हमारी अर्थव्यवस्था ठीक नहीं है, देश में आर्थिक अस्थिरता भी है। पाकिस्तान में सारी समस्याएं एक साथ ही आ गई हैं।"
भारत से पाकिस्तान के खतरे पर जवाब देते हुए दुर्रानी कहते हैं कि भारत खतरे के तौर पर पाकिस्तान के लिए पहले नंबर पर नहीं रहा।. पाकिस्तान के आंतरिक मामले भी बहुत है। अफगानिस्तान पर इस्तेमाल की जाने वाली हमारी नीति ने लोगों को अलग-थलग कर दिया।
दुर्रानी ने कहा, ऐसे कुछ लोग हैं जो राजनीतिक तौर पर खफा हैं, बलूचिस्तान में सब ठीक नहीं है। सरकार की विश्वसनीयता पर बड़ा खतरा है। सरकार पर टिप्पणी करते हुए दुर्रानी ने कहा, "ये कैसी सरकार है जो हमेशा अपने यूटर्न को सही ठहराने में लगी रहती है। मैं जब ऐसी बातें करता हूं तो लोग चिंता में आ जाते हैं। नैतिक और सामाजिक भ्रष्टाचार भी एक बड़ी दिक्कत है। सब तरह की समस्याएं पाकिस्तान में इकट्ठा हो गई हैं।''
भारत के कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने पर कई समस्याएं खड़ी हो गईं। वहीं पाकिस्तान जो गिलगित बल्तिस्तान में बिना जमीनी सच्चाई जानें सूबे बनाने जा रहा है वो कितना सही है? पत्रकार के इस सवाल के जवाब में दुर्रानी कहते हैं, मैंने कश्मीर को भी हैंडल किया है मेरा एक दोस्त कहा करता था कि अगर एक बार हम ऐसी गलती कर देते हैं तो हमारे कश्मीरी एजेंडे को बड़ा धक्का लगेगा।"
दुर्रानी कहते हैं, ''कई चीज़ों का स्टेटस न बदलें क्योंकि जब भी राजनीतिक नंबर बनाने के लिए इसमें बदलाव होंगे तो हमें नुक़सान होगा। स्टेट ऑफ बहावलपुर और स्टेट ऑफ स्वात बड़े अच्छे स्टेट थे। इन्हें मुख्यधारा में शामिल कर दिया और वही मुख्यधारा भ्रष्ट और नाकाम है। बलूचिस्तान के साथ भी हमने ऐसा ही किया।"