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पाकिस्तान : बंटवारे के बाद से ही अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों की सारी खुशियां छीनकर उनके जीवन में अंधकार भरने वाले पाकिस्तान में दिवाली कितनी रोशन होती है, यह किसी से छिपा नहीं है। हालांकि, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान दिखावे के नाम पर हिंदुओं को दिवाली की शुभकामना तो दी लेकिन यहां भी वह बस खानापूर्ति ही करते नजर आए। ध्यान रहे कि उनकी सरकार ने समुदाय के उत्पीड़न को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। आए दिन वहां से हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण की खबरें आती हैं।
खान ने ट्विटर पर हिंदुओं को दिवाली की शुभकामना तो दी लेकिन उनके 'छोटे दिल' की तरह यह संदेश भी कुछ शब्दों में सिमट गया। इमरान ने लिखा, ''सभी हिंदू नागरिकों को हैप्पी दिवाली।'' पाकिस्तान में करीब 75 लाख हिंदू रहते हैं। उन्हें धार्मिक आजादी हासिल नहीं हैं। वे काफी डर और भय के माहौल में रह रहे हैं। हत्या, किडनैपिंग और धर्मांतरण की वजह से बड़ी संख्या में लोग भारत सहित दूसरे देशों में पलायन कर चुके हैं और यह सिलसिला जारी है।
कराची, लाहौर और दूसरे कई शहरों में हिंदू परिवार रहते हैं। पाकिस्तान में अधिकतर हिंदू सिंध प्रांत में रहते हैं। रोशनी और हर्षोल्लास से भरे इस पर्व पर भी पाकिस्तान में अधिकतर हिंदू अपनी खुशियों का इजहार नहीं कर पाते हैं और कट्टरपंथियों के डर से वह घर के भीतर ही दीये जलाकर पर्व मनाते हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर जहां उनकी आबादी अच्छी है वहां थोड़ी बहुत आतिशबाजी भी होती है।
पाकिस्तान में 1947 में हिंदुओं की जनसंख्या कुल आबादी के करीब 24 फीसदी थी जो अब घटकर महज एक फीसदी के आसपास ही बची है। बड़ी संख्या में हिंदुओं का यहां जबरन धर्मांतरण कर दिया गया। विरोध करने वालों को मार डाला गया तो बड़ी संख्या में लोग पलायन कर गए। हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण की खबरें पाकिस्तान में बेहद आम हैं। अल्पसंख्यों से जुड़े तमाम धार्मिक स्थल ध्वस्त किए जा चुके हैं।

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