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हाथरस : हाथरस में युवती के साथ कथित गैंगरेप और उसकी मौत के मामले को लेकर जातीय व सांप्रदायिक संघर्ष की साजिशों की परतें खोलने के लिए उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने जिम्मेदारी संभाल ली है। एसटीएफ ने हाथरस के अलावा मथुरा और अलीगढ़ में डेरा जमाया है। देर रात एसटीएफ की टीम ने हाथरस में घटनास्थल का निरीक्षण किया। वहीं, चंदपा कोतवाली में दंगे की साजिश रचने के मामले में अज्ञात लोगों पर पहले से केस दर्ज है। अब इस मुकदमे में मथुरा में गिरफ्तार कट्टरपंथी संगठन पीएफआई के चारों सदस्यों को आरोपी बनाया गया है।

दरअसल, हाथरस में चंदपा कोतवाली पुलिस ने 4 अक्टूबर को जातीय संघर्ष की साजिश रचने के आरोप में अज्ञात पर केस दर्ज किया था। इसमें देशद्रोह जैसी संगीन धाराएं भी शामिल है। एसटीएफ टीम ने गुरुवार देर रात हाथरस में सीओ सादाबाद से मुलाकात की। उनसे मुकदमे से जुड़े कागजात हासिल किए। अब एसटीएफ साजिश की तह तक जाने के लिए सोशल मीडिया के कई अकाउंट का ब्यौरा जुटाया है। जल्द ही एसटीएफ पीएफआई के चारों सदस्यों से पूछताछ के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी। एसटीफ वेबसाइट के जरिए विदेश से फंडिंग की परतें भी खंगालेगी। हालांकि, फंडिंग के केस की जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है।

गुरुवार को एडीजे-10 की अदालत में पीएफआई के एक सदस्य की जमानत पर बहस हुई। इस दौरान क्राइम ब्रांच ने जांच एसटीएफ को ट्रांसफर होने का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया था। कहा गया कि एसटीएफ साक्ष्य जुटाना चाहती है। इस पर अदालत ने एक हफ्ते का समय देते हुए 29 अक्टूबर तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत ने एसटीएफ को एक जांच अधिकारी नियुक्त करने और मामले से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

मथुरा जिले में पांच अक्टूबर की रात पुलिस ने मांट टोल प्लाजा से चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था। उनमें केरल के मल्लपुरम निवासी पत्रकार सिद्दीक कप्पन‚ मुजफ्फरनगर निवासी अतीक उर रहमान‚ बहराइच निवासी मसूद अहमद और रामपुर निवासी आलम शामिल हैं। इनके पास हाथरस गैंगरेप मामले से जुड़ा भड़काऊ साहित्य मिला था। चारों आरोपी दिल्ली से आए थे और हाथरस जा रहे थे। PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है। इसका हेड ऑफिस दिल्ली के शाहीन बाग में है। यह संगठन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों में भी शामिल था।

हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। परिजन ने जीभ काटने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। चारों आरोपी जेल में हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था।


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