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नई दिल्ली :  टूजी घोटाला मामले में जल्द वर्चुअल सुनवाई करने के मामले से केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को सीबीआइ व ईडी की मांग स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बृजेश सेठी की पीठ ने कहा कि आगामी पांच अक्टूबर से मामले में दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर हर दिन सुनवाई होगी। पीठ ने कहा कि वह पहले सीबीआइ की अपील याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री समेत अन्य को बरी किया गया था। वैसे, निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली जांच एजेंसियों की याचिका 12 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

पीठ ने सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत के पास सीमित समय है, लेकिन किसी को यह नहीं मानना चाहिए कि उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं मिलेगा। पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जल्दी सुनवाई के लिए आवेदन दाखिल करने में देरी हो सकती है, सुबूत हजारों पन्नों में हो सकते हैं। निचली अदालत द्वारा सुनाया गया फैसला 1552 पृष्ठों का है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि ये अदालत को आपराधिक याचिकाओं पर सुनवाई से रोक सकता है। न्यायिक अनुशासन की मांग है कि न्यायाधीश को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और निराशावाद के आगे नहीं झुकना चाहिए। उक्त टिप्पणी करते हुए पीठ ने सीबीआइ और ईडी के आवेदन का निपटारा कर दिया।

सुनवाई के दौरान सीबीआइ व ईडी ने सार्वजनिक हित में जिरह की मांग की थी। जांच एजेंसियों की दलील थी कि मामले में कोई भी सुबूत जुटाने की जरूरत नहीं है और सुनवाई वीडिया कॉन्फ्रेंस के माध्यम की जा सकती है। जल्द सुनवाई की जांच एजेंसियों की मांग का ए. राजा, कनिमाेई समेत अन्य पक्षकारों ने विरोध किया था। अलग-अलग अधिवक्ताओं के माध्यम से उन्होंने कहा था कि बिना किसी विशेष कारण के जल्द सुनवाई करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। पक्षकारों ने दलील दी थी कि हर व्यक्ति को अपना पक्ष रखने के लिए एक दिन का समय भी नहीं मिलेगा क्योंकि न्यायमूर्ति का कार्यकाल नवंबर माह में समाप्त हो रहा है।


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