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नयी दिल्ली : अभी आ रही ख़बरों के अनुसार भारत ने अब बोफोर्स तोपों को भी सरहद पर तैनात करने का सोच लिया है जिसके तहत अब होवित्जर तोप भी सरहद पर भेजे जा रहे हैं। यह फैसला ऐसा समय आया है जब चीन घुसपैठ की अपनी तमाम कोशिशों से बाज नहीं आ रहा है। इससे यह सन्देश भी चीन को दिया गया है कि उसकी छोटी सी गलती कि भी उसको बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

बता दें कि भारतीय सेना अब फिंगर 4 तक पहुंच हो गई है। अब इन बेहद अहम ऊंचाई वाले इलाकों पर भारत का दबदबा हो चूका है। इसके साथ ही भारतीय सेना ने  पूर्वी लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है और वह अब माउंटेन वारफेयर में  चीन  को सबक सीखाने के लिए आतुर और तैयार है। वहीं चीन ने भी अब पेंगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में अपने जवान, गाड़ियां और हथियार तैनात कर दिए हैं। लेकिन इन पर्वत ऊंचाइयों पर भारत की पकड़ मजबूत देखकर उसके भी पसीने छूट रहे हैं।  भारतीय जवानों को इन ऊंचाइयों पर देख चीनी सेना कोई भी कदम लेने से पहले अब दो बार सोचेगी।

इसके मध्य अब भारत ने इंटीग्रेटेड रेस्पॉस की रणनीति अपनानी शुरू कर दी है। जिसके माने यह है कि चीन जिस भाषा में समझे, उसी भाषा में उसे समझाने की अब पहल होगी। जिसके तहत बीते गुरूवार को विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की जिसमे करीब  2 घंटे तक उनकी वार्ता हुई। यह भी प्रासंगिक है कि जयशंकर और वांग यी की मुलाकात ऐसे वक़्त हुई जब चीन कि कुचेष्टा कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी । बता दें कि  29-30 अगस्त के बाद से चीन  लगातार घुसपैठ की कोशिशें कर रहा है जिसका  हर बार भारत ने मुंह तोड़ जवाब दिया है।

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