Latest News

नई दिल्ली : दिल्ली में लगभग 29 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ ऐंटीबॉडी पाई गई है। यह जानकारी दूसरे सीरो सर्वे में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक महीने में ऐंटीबॉडी में लगभग 5 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि दिल्ली में 18 साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा ऐंटीबॉडी पाई गई है। यही नहीं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऐंटीबॉडी मिलने का औसत ज्यादा है। अभी कुल 12,598 सैंपल की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है। ढाई हजार सैंपल का आकलन अभी चल रहा है।

शरीर में ऐंटीबॉडीज मिलने का मतलब है कि उस शख्‍स को कोरोना से इम्‍युनिटी हासिल हो चुकी है। मगर यह इम्‍युनिटी कितने वक्‍त के लिए है, इसपर अभी एक्‍सपर्ट्स की एक राय नहीं है। जब एक सीमा से ज्‍यादा लोगों में ऐंटीबॉडीज मिलती हैं तो इससे नोवेल कोरोना वायरस के प्रति हर्ड इम्‍युनिटी डेवलप हो सकती है। 

दिल्ली में पहला सीरो सर्वे एनसीडीसी की अगुआई में हुआ था। तब 27 जून से 5 जुलाई के बीच 21,387 सैंपल लिए गए थे। इसमें से 23.48 फीसदी लोगों में ऐंटीबॉडी पाई गई थी। इस रिपोर्ट के बाद यह कहा जाने लगा था कि दिल्ली में लगभग एक चौथाई लोगों में कोरोना का संक्रमण हो गया है और वो ठीक भी हो गए हैं। एक चौथाई आबादी यानी लगभग 50 लाख लोगों में ऐंटीबॉडी मिलने के बड़े मायने हैं। इसी वजह से दिल्ली सरकार ने हर महीने सीरो सर्वे करने का फैसला किया। 

अब दूसरे सीरो सर्वे में लगभग 29 फीसदी लोगों में इस वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडी मिली है, जो पहले सर्वे के तथ्य को और मजबूत करता है। अब यह और दावे के साथ कहा जा सकता है कि दिल्ली में एक चौथाई से ज्यादा लोगों में ऐंटीबॉडी बन गई है और धीरे-धीरे इसकी संख्या में भी इजाफा ही हो रहा है। इस सर्वे के लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने नया एसओपी बनाया था। इसमें 18 साल से कम उम्र के 25 पर्सेंट, 18 से 49 साल के बीच में 50 पर्सेंट और 50 साल से ऊपर के 25 पर्सेंट सैंपल लिए गए हैं। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में कई फैक्ट्स चौंकाने वाले हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऐंटीबॉडी ज्यादा मिली है और सबसे ज्यादा 18 साल से कम उम्र के लोगों में ऐंटीबॉडी मिली है। सूत्रों की मानें तो लगभग 28.3 पर्सेंट पुरुषों में ऐंटीबॉडी मिली है, जबकि महिलाओं में ऐंटीबॉडी मिलने का औसत 32.2 पर्सेंट पाया गया है। इसी तरह 18 साल से कम उम्र के 34.7 पर्सेंट बच्चों में ऐंटीबॉडी पाई गई है। वहीं, 18 से 49 साल के बीच के 28.5 पर्सेंट लोगों में ऐंटीबॉडी पाई गई और 50 साल से ऊपर के 31.2 पर्सेंट लोगों में ऐंटीबॉडी पाई गई है। रिपोर्ट को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा ऐंटीबॉडी मिलना आश्चर्य की बात है। महिलाओं में ज्यादा ऐंटीबॉडी मिलना भी बड़ी बात है, क्योंकि घरों से ज्यादा बाहर पुरुष ही निकलते हैं। 

एक्सपर्ट का कहना है कि घर के अंदर रहने वाले बच्चों और महिलाओं में ऐंटीबॉडी का ज्यादा मिलना कही न कहीं यह साबित करता है कि दिल्ली में कोरोना काफी हद तक कम्युनिटी स्प्रेड के स्तर पर पहुंच चुका है और ज्यादातर लोगों में कोविड का असर नहीं हो रहा है और बिना किसी लक्षण के ही वो ठीक भी हो जा रहे हैं। अभी एम्स में वैक्सीन के ट्रायल को लेकर काफी संख्या में वॉलंटियर्स पहुंचे थे। इमसें से लगभग 20 पर्सेंट से ज्यादा वॉलंटियर्स में पहले से ही ऐंटीबॉडी बना हुआ था। सूत्रों का कहना है कि अब ऐसे कई फैक्ट्स सामने आ चुके हैं, जिससे यह कहा जा सकता है कि दिल्ली में कोविड का पीक आ कर, जा चुका है, लेकिन ज्यादातर लोगों में लक्षण नहीं आने की वजह से स्थिति नियंत्रण में है।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement