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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच शनिवार को कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया। देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि संप्रभुता के सम्मान के लिए देश व उसके जवान क्या कर सकते हैं, यह दुनिया ने लद्दाख में हाल ही में देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है।” मोदी ने कहा, ‘‘भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।” प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज इनका डटकर मुकाबला कर रहा है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में भारत को 192 में से 184 देशों के मिले समर्थन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दर्शाता है कि आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के 192 में से 184 देशों का भारत को समर्थन मिलना हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व की बात है। विश्व में कैसे हमने अपनी पहुंच बनाई है यह उसका उदाहरण है। यह तभी संभव होता है जब भारत खुद मजबूत हो, भारत सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो।” मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ चाहे वे हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, हम अपने संबंधों को और विश्वास के साथ जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दे।” उन्होंने दक्षिण एशिया के देशों का आह्वान करते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र में जितनी शांति होगी, जितना सौहार्द्र होगा, वह मानवता के काम आएगा। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया का हित इसमें समाहित है।”



अनलॉक से खुला दुकानों का ताला

मुंबई. पिछले साढ़े चार महीने से बंद पान की दुकानें नए अनलॉक नियमों के तहत फिर से खुल गयी हैं. इसके चलते पान की दुकानों पर फिर से रौनक लौटने लगी है. पान की दुकानों से जुड़े छोटे और मझोले कारोबारियों में उत्साह देखने को मिल रहा है. पान पर कत्था और चूना लगाते दुकानदार प्रफुल्लित नजर आ रहे हैं. नवभारत ने मुंबई में कई महीनों से बंद पान की दुकानों और इससे जुड़े व्यापारियों की समस्या को उठाया था, जिसके चलते सरकार के अनलॉक नियमों में इन्हें भी शामिल किया गया. 

छोटे-छोटे काम धंधों से परिवार का पालन पोषण करने वाले पनवड़ियों कि हालत तो बद से बदतर हो गयी थी जिन्हें अब राहत मिली होगी. मुंबई में हजारों की संख्या में छोटी बड़ी पान की टपरी और दुकानें चलाकर परिवार पालने वाले पनवड़ियों ने प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन शुरू कर दिया है.

 पान मंडी में फिर से बहार देखने को मिल रही

दक्षिण मुंबई के गुलालवाड़ी, भंडारी स्ट्रीट आदि परिसरों की पान मंडी में फिर से बहार देखने को मिल रही है. 4 महीने से बेकार बैठे पान का पुश्तैनी कारोबार करने वाले चौरसिया समाज के लोग फिर से सक्रिय हो गए हैं. सुबह 4 बजे ट्रकों से पान की आमद शुरू हो गई है. टोकरियों के साथ थोक पान बाजार में हलचल बढ़ गई है. चौरसिया समाज के रामकुमार चौरसिया ने बताया कि मजदूरों की कमी से हमको ही जुटना पड़ रहा है लेकिन खुशी भी है कि बंद धंधा फिर से चालू हो गया है.

अब ग्राहकों का इंतजार

कोरोना के इस संकट काल में पहली बार इतनी लंबी चली बंदी देखने को मिली. सरकार में अपने अनलॉक योजना में अन्य दुकानों के साथ हमें भी कुछ नियम और शर्तों के साथ अनुमति दी है. सुबह 9 से शाम 7 बजे तक ही दुकानें खुली रखनी है. लेकिन अब हमें ग्राहकों का इंतजार है. पिछले चार महीने से दुकान बंद थे फिर भी कर्मचारियों को पगार दे रहे थे. -त्रिवेणी उपाध्याय, त्रिवेणी पान भंडार.

रफ्तार पकड़ने में वक्त लगेगा

अंततः प्रशासन ने अनलॉक प्रक्रिया जारी रखी है. इससे पान दुकानदारों को बड़ी राहत मिली है. जिस तरह से पहले ग्राहकों की भीड़ लगती थी अभी उस रफ्तार को पकड़ने में वक्त लगेगा. पुश्तैनी धंधा है, कर रहा हूं. विश्व रिकॉर्ड बुक ऑफ गिनीज में मिले स्थान की गरिमा बनाए रखने के लिए क्वालिटी मेंटेन रखना पड़ता है. पिछले चार महीने की बंदी ने काफी नुकसान किया है. -विनोद कुमार तिवारी, घंटावाला पान मंदिर

भगवान का लाख लाख धन्यवाद

कोरोना के इस संकट काल ने सतर्कता और सावधानी की सीख दी है. भगवान का लाख लाख धन्यवाद है कि सरकार ने अनलॉक योजना में पान की दुकानों को भी शामिल किया है. कोरोना ने धंधे पर ऐसा संकट पैदा कर दिया था कि परिवार संभालना मुश्किल हो गया था. बहरहाल हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही ग्राहकों को पान दे रहे हैं.पिछले चार महीने से सिर्फ इंतजार ही कर रहे हैं. -प्रदीप शर्मा, सूर्यवंशी पान भंडार

डूबते को तिनके का सहारा

कोरोना के संकट काल में आखिर चार महीने बाद दुकान खुली. ऐसा लगा मानो डूबते को तिनके का सहारा मिल गया हो. जिस तरह से कोरोना ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है, सभी काम धंधे प्रभावित हो गए हैं. उसी में पान की दुकानें भी हैं. सप्ताह में 5 दिन, सोमवार से शुक्रवार तक ही खोलने की परमिशन दी गई है. बहरहाल पान की दुकानों पर फिर से रौनक लौट रही है. 


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