दुष्कर्म में रिश्ते के भाई को बीस साल का कारावास, साक्ष्यों के अभाव में ताऊ बरी
अदालत ने होली के दिन बालिका से दुष्कर्म के आरोप में रिश्ते के भाई को 20 साल के कारावास और तीस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि रिश्ते के ताऊ को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है। अभियोजन के मुताबिक शर्मसार करने वाली यह वारदात दो मार्च 2019 को डालनवाला क्षेत्र में हुई थी। घटना के दिन पीड़िता की मां अपनी बड़ी बेटी के साथ किसी काम से बाहर गई थी। दस साल की छोटी बेटी घर में अकेली थी। उसी मकान में किराए पर रहने वाले रिश्ते के भाई ने अकेली पाकर उसके साथ दुष्कर्म कर दिया। मां वापस आई तो घटना का पता चला। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी और उसके पिता को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद दोनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। शासकीय अधिवक्ता अरविंद कपिल ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान आठ गवाह प्रस्तुत किए। उन्हाेंने बताया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर जिला एवं सेशन अनिरुद्ध भट्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस तरह के कृत्य से छोटे बच्चाें की सुरक्षा को लेकर न केवल भय पैदा होता है, बल्कि सामान्य व्यक्ति को पारिवारिक सदस्य को संदेह की दृष्टि से देखने को मजबूर करता है। ऐसे में आरोपी के साथ कोई नरमी नहीं बरती जा सकती। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी को 20 साल के कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।