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मुंबई : NRC एवं CAA का विरोध करने के लिए भिवंडी ऑटो रिक्शा चालक-मालक महासंघ ने सोमवार को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक 12 घंटे के लिए बंद का आवाहन किया था। इसमें शहर के 19 ऑटो रिक्शा संगठनों के शामिल होने के कारण लगभग 80 प्रतिशत ऑटो रिक्शा सुबह से बंद रहे। इस वजह से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों सहित अन्य कामों के लिए निकले लोगों को भारी परेशानी हुई। दूसरी तरफ, महासंघ ने स्कूली बच्चों, मरीजों एवं वृद्धों के लिए सहूलियत दी थी। लेकिन, शेयर पर चलने वाले ऑटो रिक्शा नहीं चले। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि ऑटो रिक्शा के इस आंदोलन को पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी और पुलिस का सहयोग करने का अनुरोध डीसीपी राजकुमार शिंदे ने ऑटो रिक्शा संगठनों से किया था। लेकिन, संगठनों के पदाधिकारियों ने इस कानून को हिंदू-मुस्लिम में भेदभाव करने वाला और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए आंदोलन किया।

महासंघ का नेतृत्व करने वाले सुनील चव्हाण ने बताया कि इस बंद के माध्यम शहरवासियों को तकलीफ देना महासंघ का उद्देश्य नहीं है। सिर्फ केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध करने के लिए आंदोलन किया गया था। उन्होंने बताया कि ऑटो रिक्शा चालक-मालक महासंघ ने स्व. आनंद दिघे चौक पर आयोजित रास्ता रोको आंदोलन पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे के अनुरोध पर रद्द कर दिया गया था। ऑटो रिक्शा महासंघ के एक शिष्टमंडल ने उप विभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन देकर CAA रद्द करने की मांग की। ऑटो रिक्शा संगठनों के इस आंदोलन को लेकर पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे ने शहर में पुलिस की कड़ी व्यवस्था की थी। रिक्शा स्टैंडों सहित शहर के प्रमुख चौराहों पर पुलिसबल तैनात कर दिया गया था। ऑटो रिक्शा चालक मालक महासंघ के इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए भिवंडी शहर जिला समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अरफात शेख भी पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए थे। उन्होंने रिक्शा संगठनों के पदाधिकारियों को आश्वासन देते हुए कहा कि NRC का विरोध करने के लिए जब भी उन्हें बुलाया जाएगा, सपा जरूर आएगी।


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