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 सीलमपुर  : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सीलमपुर इलाके में शुरू हुआ प्रदर्शन कुछ समय बाद ही हिंसक हो गया। नकाबपोश प्रदर्शनकारियों के टारगेट पर सीलमपुर पुलिस बूथ के बाद जाफराबाद पुलिस स्टेशन था। हिंसा के बाद मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सीलमपुर से जब प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू किया गया तो ये लोग जाफराबाद इलाके की ओर बढ़ने लगे। उधर भी पहले से ही हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी मौजूद थे। इनकी योजना जाफराबाद पुलिस स्टेशन फूंकने की थी। लेकिन समय रहते अर्द्धसैनिक बल के जवानों और पुलिस ने भीड़ को खदेड़ दिया।   दिल्ली पुलिस के अनुसार दोपहर करीब 1 बजे शुरू हुआ प्रदर्शन कुछ ही देर में हिंसक हो गया।
इसके बाद नकाबपोश प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज  किया और करीब 60 से 70 आंसू गैस के गोले छोड़े। करीब साढ़े तीन घंटे बाद हालात काबू में आए। सोशल मीडिया पर सीलमपुर इलाके की ही एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें प्रदर्शनकारी पुलिस के एक जवान को पीछे से मार रहे हैं। उनके हाथ में जवान से ही छीनी लाठी है और वे एक के बाद एक कई लाठी जवान को मार रहे हैं।
सीलमपुर और जाफराबाद इलाका संकरी गलियों को लेकर भी जाना जाता है। इन गलियों में हजारों की तादाद में मौजूद प्रदर्शनकारियों की हरकत पर नजर रखना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने ड्रोन का सहारा लिया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ड्रोन कैमरों के साथ मौके पर पहुंची और पूरे इलाके की निगरानी शुरू की। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के आधे घंटे बाद तक ड्रोन कैमरे इलाके में उड़ते नजर आ रहे थे।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के सीलमपुर में उग्र हुआ प्रदर्शन करीब साढ़े तीन घंटे तक पत्थरबाजी और आगजनी के रूप में देखने को मिला। सड़कें पत्थरों से पट चुकी थी और आसमान में धुआं ही धुआं था।
आंसू गैस के गोले और लाठियों के दम पर कभी पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ रही थी तो कभी प्रदर्शनकारी पुलिस को। इसी बीच वक्त हो चला था शाम की अजान का। सीलमपुर मेन रोड स्थित मस्जिद में अजान शुरू हुई तो प्रदर्शनकारी शांत हो गए। महज चंद सेकेंड में ही इतना बड़ा बवाल एकदम खामोश हो गया। तब तक इलाके की अमन कमेटी के प्रतिनिधि भी वहां पहुंच चुके थे।
दिल्ली पुलिस के पास शांति बनाए रखने के लिए सबसे बेहतर अवसर था। अधिकारियों ने भी इसे समय रहते भाप लिया और वे मस्जिद के पास भीड़ को शांत कराने के लिए पहुंच गए। पुलिस जवानों का कहना था कि हिंसा के बीच में अजान होने से पूरा माहौल एकदम से शांत हो गया। पुलिस अधिकारियों ने पहले अमन कमेटी और बाद में लोगों से बातचीत कर उन्हें शांत कराया। कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर परवेज मियां ने कहा कि सरकार तक संदेश पहुंच चुका है। अब प्रदर्शन करने आए लोगों से अपने-अपने घरों में जाने की अपील की जा रही है।
आप लोग नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ हैं। आपके विरोध को सरकार समझ चुकी है कि आप इसके खिलाफ हैं। लेकिन प्रदर्शन में कुछ शरारती तत्वों ने गलत काम किया है। अजान शुरू होते ही कुछ लोग मस्जिद के ठीक सामने बैठ गए। जबकि बाकी सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए थे। इस बीच जब उनसे प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अजान पूरी होने के बाद अपनी बात रखने को कहा। वहीं पुलिस भी तब तक वहां काफी संख्या में पहुंच चुकी थी। पुलिस भी अजान पूरी होने तक खामोश रही और उसके बाद शांति बनाए रखने की अपील की।

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