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हैदराबाद : हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला शांत भी नहीं हुआ है कि राजस्थान के टोंक में एक मासूम के साथ इसी तरह की दरिंदगी का मामला सामने आया है। टोंक जिले के खेड़ली गांव में पहली कक्षा में पढ़ने वाली मासूम बच्ची को एक हैवान शनिवार को स्कूल से घर लौटते समय जगंल ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके बाद बच्ची की बेल्ट से ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई। दरिंदे ने इतनी जोर से बच्ची का गला दबाया कि उसकी आंखे बाहर निकल गईं। रविवार को बच्ची का शव मिलने के बाद से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) आदर्श सिंधु ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। टोंक के थाना प्रभारी राम किशन ने बताया कि इस मामले में एक संदिग्ध महेंद्र उर्फ ढोलू को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के आधार पर उसे पकड़ा गया है। एसपी का दावा है कि आरोपी की पहचान हो गई है। एफएसएल, पुलिस मोबाइल टीम और डॉग स्क्वायड ने घटनास्थल पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा किए हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि शनिवार को बच्ची के स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई थी। उस समय बच्ची का मामा वहां मौजूद था। शाम लगभग तीन बजे छुट्टी के बाद बच्ची स्कूल से घर के लिए हमेशा की तरह अकेले रवाना हुई लेकिन शाम तक घर नहीं पहुंची।

परिजनों ने आसपास उसकी तलाश की मगर कोई जानकारी नहीं मिल पाई। आक्रोशित ग्रामीणों ने हत्यारे को गिरफ्तार न करने पर टोंक-सवाई माधोपुर हाईवे जाम करने की चेतावनी दी है। साथ ही मृतका के परिजनों को 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है। बच्ची के माता-पिता मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहते हैं। वह अपनी दादी के साथ यहां रहती थी। माना जा रहा है कि आरोपी बच्ची को पहले से जानता था। वह उसे टॉफी और कचौरी खिलाने के बहाने जंगल में ले गया और वहां उसके साथ हैवानियत को अंजाम दिया। बच्ची का शव स्कूल से 300 मीटर दूर जंगल में मिला है। उसके गले में बेल्ट लिपटी हुई है। पास में ही बीयर और शराब की बोतलों के साथ कचौरी के टुकड़े और टॉफी के रेपर मिले हैं। राजस्थान से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस घटना को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में जब से कांग्रेस सरकार आई है तब से पुलिस का डर खत्म हो गया है। पुलिस अधिकारियों की जातियां देखकर उनकी फील्ड में नियुक्तियां की जा रही हैं। न बच्चे सुरक्षित हैं और न बड़े। टोंक की घटना इसका जीता-जागता उदाहरण है।


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