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नरेंद्र मोदी सरकार देश में एक साथ चुनाव कराने के अपने कोर एजेंडे की ओर तेजी से बढ़ रही है। संभावना है कि अगले वर्ष नवंबर तक राज्यसभा में एनडीए का बहुमत होने के बाद सरकार एक साथ चुनाव कराने के लिए आवश्यक संविधान संशोधन को पारित करने पर आगे बढ़ेगी। सरकार 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे देश में 2023 में एक साथ चुनावों की घोषणा करने की संभावना बन सकती है।

इसके लिए लोकसभा का कार्यकाल दो वर्ष कम किया जाएगा तथा विधानसभाओं का कार्यकाल कम या ज्यादा करने की बात होगी। एनडीए सरकार को सामान्य बहुमत राज्यसभा में अगले साल नवंबर में मिल जाएगा। क्योंकि राज्यसभा की लगभग 55 सीटें असम, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड सीटें वर्ष 2020 अप्रैल में खाली हो रही हैं।

अकेले यूपी से 10 सीटें हैं और एक को छोड़ ये सभी सीटें भाजपा द्वारा जीते जाने की संभावना है क्योंकि भाजपा की प्रदेश में दो तिहाई बहुमत (309 सीटें) की सरकार है। भाजपा का जोर पार्टी के स्तर पर बहुमत लेने का है, मगर इसमें उसे वर्ष 2021-22 तक इंतजार करना होगा।

अगले साल भाजपा असम, ओडिशा, हिमाचल और उत्तराखंड से भी कुछ सीटें हासिल कर सकती है। कुछ राज्यसभा सीटें वह मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में खोएगी। सरकारों को स्थायित्व देने के लिए दल बदल कानून को भी सरकार को देखना पड़ेगा। सदस्यों को एक दल से दूसरे दल में आना जाना उदार करना होगा।

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