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मुंबई. कांग्रेस में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उर्मिला मातोंडकर के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मुंबई कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है. एक तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने इस्तीफे के बाद संजय निरुपम पर निशाना साधा. वहीं इस इस्तीफे के लिए संजय भी देवड़ा को जिम्मेदार ठहराते दिखे. इस दौरान मिलिंद देवड़ा ने एक ट्वीट कर कहा कि जब उर्मिला ने लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो मैं उनके साथ खड़ा था. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उस समय मैंने उनका पूरा समर्थन किया. मैं उस समय भी उनके साथ था जब उन्हें पार्टी में लाने वाले लोग ही विरोध में उतर आए थे. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए उत्तरी मुंबई के कांग्रेस नेताओं को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.

उर्मिला के इस्तीफे के बाद संजय ने कहा कि कांग्रेस में आत्म मंथन चल रहा है. जिनको जाना है वह छोड़कर जा सकते हैं, जो पार्टी के साथ हैं वह पार्टी में रहेंगे. उर्मिला के इस्तीफे की बात पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी चिट्ठी को लीक कर दिया गया. यह निजता की बात थी और ऐसा किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए था. उर्मिला की ओर से लगाए गए दो नेताओं पर आरोप की बात पर संजय ने कहा कि जिन नेताओं पर आरोप लगाए गए हैं उनके लिए मैं दावे से कहता हूं कि उन्होंने पार्टी के लिए पूरी मेहनत से काम किया है. उनको किसी भी पद पर नियुक्त नहीं किया गया है और मैं फिर उनसे अनुरोध करूंगा कि वे अपने फैसले पर विचार करें.

उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं मिलिंद देवड़ा को जिम्मेदार ठहराना चाहता हूं. उन्होंने कैंपेन चलाकर मुझे हटवाया और अपनी नियुक्ति करवाई और अब विधानसभा चुनावों से पहले हट गए. संजय ने कहा कि उर्मिला के जाने पर पार्टी को नुकसान होगा. वह एक प्रखर वक्ता हैं और मैं उनसे निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करता हूं.

उल्लेखनीय है कि उर्मिला को पार्टी में लाने वाले संजय निरुपम ही थे. लेकिन लोकसभा चुनावों में हार के बाद उर्मिला ने दो स्‍थानीय कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा जो संजय के करीबी बताए जाते हैं. उर्मिला की तरफ से उठाई गई इस समस्या का कभी भी हल नहीं निकाला गया. वहीं उर्मिला का पत्र भी मीडिया में लीक हो गया. इन सभी बातों से कांग्रेस के लिए स्थितियां खराब होती नजर आ रही हैं. गौरतलब है कि उर्मिला ने इसी साल मार्च में कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी और 2019 लोकसभा चुनावों के दौरान वह उत्तर मुंबई से खड़ी हुई थीं, लेकिन बीजेपी के गोपाल शेट्टी ने उन्हें हरा दिया था.

उर्मिला ने अपने इस्तीफे के बाद कहा कि मुंबई कांग्रेस के वरिष्ठ या तो पार्टी को बदलाव की तरफ ले जाने में असमर्थ हैं या फिर ले जाना नहीं चाहते हैं. इस्तीफे के साथ दिए पत्र में उन्होंने कहा कि ऐसा करने का पहला विचार उस समय आया जब 16 मई को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे उनके पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं इस पत्र को मीडिया में लीक कर दिया गया जो कि बहुत गलत था. यह एक तरह से मेरे साथ धोखा था. इसके लिए मैंने कई बार विरोध भी जताया लेकिन किसी ने मुझसे माफी मांगना तो दूर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दी. इसके विपरीत जिन लोगों का मेरे पत्र में जिक्र था और उनके खराब प्रदर्शन के कारण पार्टी को नुकसान हुआ, उन्हें नई जिम्मेदारियां दे दी गई हैं. इससे यह जाहिर है कि मुंबई कांग्रेस में काम कर रहे वरिष्ठ अब पार्टी को नई दिशा और बदलाव देने में असमर्थ हैं.


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