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मुंबई, विश्व विख्यात लेखक और कवि विलियम शेक्सपियर ने कहा था, नाम में क्या रखा है? लेकिन सच्चाई यह है कि सब कुछ नाम से चलता है। नाम को लेकर एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है। इसलिए मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में नाम बदलनेवालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। महाराष्ट्र में नाम बदलवानेवालों के कारण सरकारी तिजोरी में ५ करोड़ रुपए जमा हुए हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र में विवाह या तलाक के बाद परंपरा के अनुसार महिलाओं को अपना नाम, पति का नाम और जाति (सरनेम) जोड़नी या हटानी पड़ती है इसलिए बड़ी संख्या में महिलाएं नाम बदलवाने के लिए गजेट कार्यालय में आवेदन करती हैं। इसी तरह बचपन में माता-पिता द्वारा रखा गया नाम पसंद न आने, अशुभ मानने या स्कूल कॉलेज में दाखिले के समय नाम, जाति, जन्म तारीख आदि गलत दर्ज होने के कारण बड़ी संख्या में पुरुष भी अपना नाम, जाति या जन्म तारीख बदलवाने अथवा सुधार करवाने के लिए आवेदन करते हैं। राज्य सरकार इसके लिए सामान्य लोगों से ५२३ रुपए जबकि पिछड़ी जाति और अनुसूचित-जनजाति के लोगों से २७० रुपए शुल्क वसूलती है। अप्रैल २०१८ से जून २०१९ तक महाराष्ट्र में लगभग १ लाख लोगों ने नाम बदलवाने के लिए आवेदन किया था। आवेदकों में अपना नाम बदलवानेवालों के साथ विवाह के बाद पति का नाम और जाति जोड़ने वाली महिलाएं तो थी हीं लेकिन तलाक के बाद पुराना नाम वापस रखने की इच्छा रखनेवाले, धर्म परिवर्तन करने या अन्य वजहों से नाम बदलवाने, स्पेलिंग में सुधार करवानेवाले लोग भी शामिल हैं।






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