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नई दिल्ली : सुनीता (बदला हुआ नाम) का पूरा शरीर जल चुका है। भयानक दर्द से तड़पते हुए उसने हमसे थोड़ी सी बात की। चेहरे को छोड़कर सुनीता के पूरे शरीर पर पट्टियां बंधी हुई हैं। उसका शरीर 75-80 प्रतिशत जल चुका है। दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती सुनीता का कहना है, 'काश कि मैं मर जाती। कोई भी इस तरह के जख्मों को नहीं झेलना चाहता। लेकिन, अब जबकि मैं जल चुकी हूं, तो लोग कम से कम मेरा रेप तो नहीं करेंगे।'
दलित का रेप ही रेप कहलायेगा...और क्सी की बेटी का रेप नही ....सामाजिक न्याय कहलायेगा यही संविधान है..अब इस देश का क्या होगा ज्से लोगो ने अपने बलिदान से सींचआ
10 हजार के लिए पिता ने बेच दिया
सुनीता से अस्पताल में हमारे सहयोगी रिपोर्टर  ने बात की, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। सुनीता ने 28 अप्रैल, 2019 तो उत्तर प्रदेश में अपने एक दोस्त के घर पर खुद को खत्म करने की कोशिश की। उनकी कहानी दिल दहला देने वाली है- आरोप है कि सुनीता के पिता ने उसको 10,000 रुपये के लिए बेच दिया था, उसके बाद कई लोगों ने उनका रेप किया और यूपी पुलिस ने सुनीता की शिकायतों को लगातार नजरअंदाज किया।
14 साल की उम्र में ही कर दी थी शादी
23 वर्षीय सुनीता की जिंदगी में कम उम्र में ही मुसीबतें आनी शुरू हो गईं थीं। वह कहती हैं, '2009 में मेरे पिता ने सिर्फ 14 साल की उम्र में मेरी शादी कर दी थी। उम्र में मुझसे कहीं बड़े मेरे पति ने कुछ ही महीनों बाद मुझे छोड़ दिया।'
'20 लोगों ने मेरा रेप किया'
कुछ ही हफ्तों बाद, उसके पिता ने कथित तौर पर इसलिए बेच दिया ताकि 'वह अपनी पत्नी के लिए सामान खरीद सके।' सुनीता ने बताया, 'मेरा दूसरा पति एक राक्षस था। उसने बार-बार अपने दोस्तों से मेरा रेप करवाया और क्योंकि लोगों को मेरे रेप और शोषण होने का पता चल गया था तो उन्हें लगता था कि मैं कमजोर और 'उपलब्ध' हूं। 20 से ज्यादा पुरुषों ने मेरा रेप किया और मुझ पर एसिड फेंकने की धमकी दी।'
कभी न्याय नहीं मिला
भयंकर दर्द के बीच सुनीता आरोप लगाती हैं कि उन्होंने न्याय पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें कभी न्याय नहीं मिला- न ही उनके पिता और न ही पुलिस से। उन्होंने सिसकते हुए कहा, 'मैंने कई बार शिकायत दर्ज कराई लेकिन हमेशा मुझसे कहा गया कि 'जांच की जा रही है।' अक्टूबर, 2008 से अप्रैल, 2019 के बीच कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। मैं निराश हो गई और फिर मैंने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला किया।'
'दूसरा पति राक्षस था'
सुनीता का दूसरा 'पति' उसके पिता का ही दोस्त था। वह कहती है, 'वह राक्षस था। वह हर रोज मुझसे मारपीट, रेप करता था और जबरदस्ती अपने दोस्तों के घर में घरेलू काम करने को कहता था।' आगे कुछ भी बोल पाने में असमर्थ सुनीता इसके बाद दूसरी तरफ सिर घुमाकर, रोना शुरू कर देती है।
मुश्लिक वक्त में दोस्त बना सहारा
अपने दोस्त ऋषभ (बदला हुआ नाम) की ओर इशारा करते हुए, सुनीता ने बताया कि मुश्किल के इस पूरे दौर में बस वही एक सहारा रहा है। ऋषभ ने कहा, 'उसके माता-पिता, दो भाई और एक बहन ने उसे छोड़ दिया। ऐसा कोई भी नहीं है जिसे वह अपना कह सके और इस समय उसे सबसे ज्यादा मेरी जरूरत है- एक दोस्त और एक पार्टनर के तौर पर। मैं उसे किसी भी हालत में अकेला छोड़ने नहीं जा रहा।' ऋषभ का आरोप है, 'सुनीता के 3 बच्चे हैं, एक पहले पति से, एक दूसरे पति से और तीसरा उनमें से एक से जिन्होंने उसका रेप किया।' उनका कहना है कि तीनों बच्चे दूसरे पति के पास हैं। वह उन्हें अपने साथ रखता है ताकि उसके लौटने के लिए उन्हें हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सके।
दो अस्पताल बदलकर दिल्ली लाया गया
हापुड़ में दो अस्पताल बदलने के बाद, सुनीता को आखिरकार दिल्ली लाया गया है। अभी उसकी हालत स्थिर लेकिन चिंताजनक है। ऋषभ का आरोप है कि इस सबके लिए उसका पिता ही जिम्मेदार है।
दोस्त शादी को तैयार
ऋषभ ने कहा कि वह सुनीता के इस दर्द से उबरने का इंतजार कर रही है और कानूनी तौर पर तलाक के बाद वह उससे शादी कर लेगा। हालांकि, एफआईआर में कहा गया है कि इन दोनों की पहले ही शादी हो चुकी है और 22 अप्रैल, 2019 को शादी रजिस्टर्ड भी हो चुकी है। शिकायत के मुताबिक, मुरादाबाद में अपने दोस्त के किराए घर में सुनीता ने खुद को आग लगा ली।

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