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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सात दिसंबर 2021 को मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को लिखे गए इस पत्र में आंगडियों ने आरोप लगाया है कि डीसीपी ने उनसे कहा कि या तो वे उसे हर महीने घूस में 10 लाख रुपये देने की बात डीसीस्वीकारें नहीं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस शिकायत के आधार पर एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में मुंबई पुलिस के तीन ऑफिसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद उनमें से दो को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन एफआईआर में डीसीपी का नाम नहीं था।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी) को लिए गए इस पत्र में एसोसिएशन ने बताया कि दक्षिणी मुंबई के कालबादेवी और मुंबादेवी के बीच लगभग 100 आंगडिया काम करते हैं। ये आंगडिया सामान या नकदी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के एवज में उसतकी कीमत का 0.1 प्रतिशत लेते हैं।

डीसीपी ने ये व्यवसाय चलाने के लिए 10 लाख रुपये की घूस मांगी थी। मुंबई आंगडिया समूह ने अपनी शिकायत में कहा। उसने यह भी बताया कि पिछले साल नवंबर में हुई एसोसिएशन की बैठक में भी सभी आंगडियों को बताया गया था कि डीसीपी ने घूस की मांग की थी, लेकिन एसोसिएशन एक भी रुपये नहीं दिए। पत्र में एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि इसके बाद पिछले साल 2 दिसंबर को एलची रोड पुलिस स्टेशल के सात पुलिसकर्मियों ने सादे कपडों में पोफलवाडी-एक, दो और तीन के इलाकों में काम कर रहे आंगडियों और व्यापारियों के बैग की चेकिंग करने लगे। वे लोग आंगडियों को लेकर मुंबादेवी पुलिस चौकी ले गए और जिनके बैग में पांच लाख कैश था उसने पचास हजार और जिनके बैग में 10 लाख कैस था उन्हें 1 या दो लाख रुपये देने के लिए मजबूर किया गया। जिसपर कुछ आंगडियों ने घूस देकर अपने आदमियों को छुड़वाया।

आंगडिया एसोसिएशन ने पत्र में आरोप लगाया कि तीन दिसंबर को एलटी रोड पुलिस स्टेशल के इंचार्ज के निर्देश पर फिर से इसे दोहराया गया। पत्र में आरोप लगाया गया है कि दो दिसंबर से 4 दिसंबर के बीच एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन के पुलिसवालों ने आंगडियों से रंगदारी वसूल की।

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