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मुंबई : पीड़िता के मुताबिक आरोपियों की हरकत काफी समय से चल रही थी। जिसके बारे में उसने अपने बॉस को भी बताया था। दरअसल पीड़िता एक पेंटर होने के साथ-साथ एक प्रोडक्शन हाउस में ऑफिस सेक्रेटरी का काम भी करती है। पकड़े गए आरोपी सोमनाथ पुजारी, सतीश मौर्या और बृजेश यादव है। जिन पर पुलिस ने 354 (D) 509 और 34 जैसी धाराएं लगाई है। पीड़िता ने ओशिवारा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके बाद इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि जांच अधिकारी की कार्यशैली पर पीड़िता द्वारा सवाल उठाये जाने पर उन्हें जांच से हटाकर कंट्रोल रूम भेज दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारीयों के मुताबिक जांच कर रहे अधिकारी गजानन करानडे ने इस मामले में लापरवाही बरती, जिसके चलते उन्हें हटाया गया। सूत्रों के मुताबिक करानडे ने आरोपियों को पकड़ने में देरी की और जब आरोपी मिले तो उन्हें पुलिस स्टेशन से ही जमानत दे दी। इस पूरे मामले की सूचना जांच अधिकारी ने अपने सीनियर अधिकारियों को भी नहीं दी थी।
पुलिस स्टेशन से जमानत मिलने के बाद आरोपियों ने सोसाइटी में पहुंचकर पीड़िता के फ्लैट ओनर को धमकाना शुरू कर दिया। जब घटना की जानकारी पुलिस अधिकारीयों को हुई तो उन्होंने तीनों आरोपियों को दोबारा डराने- धमकाने के लिए उनपर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की। आमतौर पर महिलाओं से जुड़े मामले में अमूमन आरोपी को कोर्ट से ज़मानत मिलती है। इस मामले में आरोपियों को पुलिस स्टेशन से ही ज़मानत दे दी गई। हालांकि इस मामले में पुलिस को जमानत देने का अधिकार था। फ़िलहाल मामले की जांच एपीआई संदीप शिंदे को सौंपी गई है। इस मामले में जब भागवत कदम से एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया की तीनों कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। सोसाइटी में किसी तरह का तनाव ना हो इसलिए यह कदम उठाया गया है।

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