मुंबई लोकल : संदिग्धों की डिजिटल जानकारियों से लैस होगा सिस्टम
मुंबई, महाराष्ट्र एटीएस और दिल्ली की स्पेशल सेल ने हाल ही में कई संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। जिनसे पूछताछ के बाद पता चला कि ये आतंकी देश के अलग-अलग हिस्सों समेत मुंबई लोकल को भी निशाना बनाने की फिराक में थे। इसी के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन, लोकल ट्रेनों की सुरक्षा को और भी पुख्ता बनाने के लिए एक सक्षम इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम बना रहा है, ताकि मुंबई की लोकल में कोई लफड़ा न हो सके और लोकल को आतंकी हमलों से भी सुरक्षित रखा जा सके। इसके तहत रेलवे की सुरक्षा यंत्रणा को डिजिटली मजबूत किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, रेलवे सुरक्षा विभाग की तरफ से लोकल पुलिस, आईबी, ईडी, सीबीआई आदि एजेंसियों से संपर्क कर उनके आरोपियों और संदिग्धों की लिस्ट और डेटा बेस मंगाया जा रहा है, जिसमें उन संदिग्धों के चेहरे, आंखों से जुड़ी जानकारियां भी होंगी। इन जानकारियों को सिस्टम पर अपलोड किया जा रहा है, ताकि सिस्टम हर एक संभावित संदिग्ध की पहचान कर सके। इन सीसीटीवी वैâमरों की खासियत यह है कि इससे फेस रिकग्नाइज हो सकेगा। जैसे ही इस वैâमरे के सामने से कोई भी संदिग्ध गुजरेगा, वैसे ही कंट्रोल रूम में अलार्म बजेगा, जिससे एजेंसी एलर्ट हो जाएगी और वह तुरंत पकड़ा जाएगा।
पश्चिम रेलवे में चर्चगेट से विरार तक २,७०० अतिरिक्त सीसीटीवी वैâमरे लगाए जा रहे हैं। इसी तर्ज पर मध्य रेलवे में भी तैयारी की जा रही है। पश्चिम रेलवे के डीएससी विनीत खर्ब ने बताया कि मुंबई लोकल और यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। चर्चगेट से लेकर विरार तक प. रेलवे इंटीग्रेटेड सिस्टम लगा रही है। इस सिस्टम में खास ‘एचडी’ वैâमरे होंगे, जो पहले से लगे वैâमरे की तुलना में और भी स्पष्ट वीडियो रिकॉर्ड करेंगे, इनमें से ४५० वैâमरे रेलवे स्टेशन के एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स पर लगाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये सिस्टम इतना कारगर होगा कि अगर कोई संदिग्ध मास्क भी पहनकर चलेगा तो हमारे वैâमरे उसे पहचान जाएंगे। इससे रेलवे सुरक्षा के साथ ही एजेंसियों को भी जांच में आसानी होगी और अपराधों पर लगाम भी लगेगा।