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मुंबई, मुंबईकरों के लिए लोकल ट्रेन से बेहतर कोई विकल्प नहीं है लेकिन सामान्य हालात में खचाखच भरी लोकल ट्रेनों की भीड़ लोगों को हमेशा डराती है। ऐसे में एसी लोकल का विकल्प अब मुंबईकरों की परेशानी का नया इलाज नजर आ रहा है। पश्चिम और मध्य रेलवे एसी लोकल तो चला रही है लेकिन इनकी संख्या सामान्य लोकल के मुकाबले बहुत कम हैं। इससे संबंधित एक सर्वे रेलवे ने किया है और इस सर्वे में ८० फीसदी यात्रियों ने सेमी एसी लोकल पर अपनी दिलचस्पी दिखाई है, बशर्ते एसी लोकल समय पर चले। इस सर्वे में ३७ हजार लोगों ने अपना सुझाव दिया था, जिस पर रेलवे भी विचार कर रही है।
मुंबईकरों को एसी लोकल चाहिए या उसका किराया कितना हो, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने एक सर्वे कराया है। सर्वे के आंकड़ों के आधार पर मिली रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड में भेजा गया है और उम्मीद है कि भविष्य में इसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
विश्व प्रसिद्ध मुंबई के ट्रैफिक की हालत अब किसी से भी छिपी नहीं है। वाहन कितना भी महंगा हों लेकिन समय पर नहीं पहुंचे तो उसकी कीमत कम हो जाती है। बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए ६६ प्रतिशत मुंबईकर जो निजी वाहनों से चलते हैं, वे एसी लोकल की सेवाएं लेने के लिए तैयार हैं। बशर्तें एसी लोकल की सेवाएं समय पर मिले।
मुंबई में फिलहाल २२ एसी लोकल की सेवाएं रोजाना चल रही हैं। ये सभी फुल एसी लोकल ट्रेनें हैं। नॉन पीक ऑवर्स में तो इन ट्रेनों में यात्री नदारद रहते हैं। ऐसे में रेलवे का सुझाव है कि इस तरह की ट्रेनों को सेमी एसी लोकल बनाया जाएं, जिनमें सामान्य डिब्बे भी हों। सर्वे में ४० प्रतिशत मुंबईकरों ने १२ डिब्बों की सामान्य लोकल में ३ एसी के डिब्बे, २४ प्रतिशत ने १५ डिब्बों की एसी लोकल में ६ एसी डिब्बे तो १६ प्रतिशत लोगों ने १२ डिब्बों की लोकल में ६ एसी डिब्बे लगाने का सुझाव दिया है। जबकि केवल २०प्रतिशत लोग पूरी एसी लोकल के पक्ष में हैं। गौरतलब है कि यदि एक पूरी एसी लोकल की ट्रेन को सर्विस में लाया जाता है तो १२ सामान्य लोकल को सर्विस से हटाना पड़ता है।


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