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मुंबई : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मराठा आरक्षण के संबंध में विफलता को छिपाने के लिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्र की तरफ से राज्यों को अधिकार देने के लिए किए गए संविधान संशोधन के बारे में गलत जानकारी दी है। संविधान संशोधन को लेकर दुष्प्रचार करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस जहां-जहां सभा करेगी, वहां तत्काल भाजपा की तरफ से झूठ का पर्दाफाश करने और जनता को सच्चाई बताने के लिए पोल खोल सभा आयोजित की जाएगी। पाटिल कोल्हापुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

मुंबई में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शरद पवार की तरफ से किए गए दावों का करारा जवाब देते हुए पाटिल ने कहा कि शरद पवार का कहना है कि आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाना चाहिए, लेकिन मराठा आरक्षण के मामले में तथ्य यह है कि गायकवाड़ आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, इसलिए मराठा समुदाय को आरक्षण देना तब तक संभव नहीं है, जब तक कि राज्य पिछड़ा आयोग की संपूर्ण रिपोर्ट नहीं मिल जाती। इस रिपोर्ट के अभाव में यदि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक कर भी दी गई तो मराठा समाज को इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा। मराठा समाज के लिए नई रिपोर्ट बनानी होगी, यह बात महाविकास आघाड़ी सरकार की तरफ से नियुक्त न्यायाधीश भोसले समिति ने कही है। इसके बावजूद आघाड़ी सरकार इस मामले में कुछ भी नहीं कर रही है। मराठा आरक्षण को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका के लिए भी कोई पहल नहीं की जा रही है। यह सरकार सर्वोच्च न्यायालय में मराठा आरक्षण को कायम रखने में पूरी तरह विफल रही। अपनी असफलता को छुपाने के लिए लोगों से झूठ बोला जा रहा है।  

पाटिल ने सवाल किया कि शरद पवार लंबे समय तक सत्ता में रहे, लेकिन उन्होंने आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को हटाने की कोशिश क्यों नहीं की? वर्ष 2005 में नचिअप्पन समिति ने इस तरह की सिफारिश की थी। उस वक्त केंद्रीय मंत्री रहते हुए शरद पवार ने 2014 तक इसके लिए कुछ नहीं किया।


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