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मुंबई : एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने आरक्षण की नीति को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता है कि केंद्र ने संविधान में संशोधन कर आरक्षण के बारे में फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकर को दे दिया है, लेकिन वास्तव में यह खाने के लिए आमंत्रित कर, पीछे से हाथ बांध दिए जाने की तरह है। पवार, सोमवार को एनसीपी के पार्टी ऑफिस में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। 

पवार ने कहा कि साल 1992 में नौ-न्यायाधीशों की पीठ ने भारत सरकार के खिलाफ इंदिरा साहनी केस में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जिसके तहत 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। बाद में केंद्र ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया। वहीं केंद्र ने एक और संशोधन कर राज्य सरकारों को ओबीसी की सूची बनाकर आरक्षण पर निर्णय लेने की अनुमति दी है, लेकिन जब तक आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीलिंग को हटाया नहीं जाता, तब तक इस संशोधन का कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में आरक्षण के नाम पर केंद्र सरकार ने धोखा देने का काम किया है।

एनसीपी अध्यक्ष पवार ने संसद के मानसून सत्र में हुए हंगामे को लेकर कहा कि उन्होंने अपने 54 साल के संसदीय कैरियर में पहली बार 40 मार्शल को संसद में आते देखा। पवार ने कहा कि इस दौरान कांग्रेस की दो महिला सदस्यों को धक्का दिया गया। वहीं मार्शल, शिवसेना सदस्य संजय राउत को भी संसद से उठा कर ले गए थे। उन्होंने कहा कि यह पूरा वाक्या उनके सामने घटा था । 

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने अभी तक राज्यपाल द्वारा विधान परिषद के 12 सदस्यों की फाइल पर साइन नहीं करने को लेकर कोश्यारी को घेरा है। पवार ने कहा कि मैंने इस बारे में राज्यपाल का बयान सुना। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मांग नहीं कर रही है तो आप ( कांग्रेस नेता शरद रणपिसे) क्यों पूछ रहे हैं। लेकिन राज्यपाल के पास इस संबंध में पत्र 9 महीने पहले भेज दिया गया है। पवार ने कोश्यारी पर तंज कसते हुए कहा है कि हो सकता है कि उन्होंने अपनी बढ़ती  उम्र की वजह से इस पर ध्यान न दिया हो। जहां तक उम्र की बात है , पवार और कोश्यारी की उम्र में ज्यादा फासला नहीं है। कोश्यारी की उम्र जहां 79 वर्ष है, वहीं पवार 80 वर्ष के हैं। दरअसल पुणे में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह में कांग्रेस नेता शरद रणपिसे ने राज्यपाल कोश्यारी से 12 विधायकों की नियुक्ति के बारे में पूछा था। इस पर राज्यपाल कोश्यारी ने होशयारी भरा जवाब देते हुए कहा था कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार मेरे मित्र है। जब सरकार जोर नहीं दे रहे हैं तो आप जोर क्यों देते हैं। उस समय अजित पवार ने कहा कि समारोह स्वतंत्रता दिवस का है। ऐसे में मैं इस पर बाद में बोलूंगा। हालांकि अब एनसीपी अध्यक्ष पवार ने इस बारे में बोल कर राज्यपाल की खिंचाई की है।

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